महंत ने कहा कि अखिलेश यादव की मंशा जाहिर है कि वे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। कैसे भी वोट मिले, लेकिन हिंदुओं के सपोर्ट के बिना सत्ता हासिल करना असंभव है। महंत दयाराम दास ने कहा कि धर्मगुरु किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं होते हैं। धर्मगुरु सनातन धर्म की बात करते हैं, इसलिए धर्मगुरुओं पर निशाना साधना उचित नहीं है। अगर अखिलेश यादव धर्मगुरुओं को टारगेट करेंगे तो कोई सनातनी उन्हें समर्थन नहीं करेगा।