सुबह से ही हरिद्वार के हर की पौड़ी, कुशव घाट और नारायणी शिला मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें दिखाई दी। लोगों ने श्रद्धापूर्वक पितरों को तर्पण, पिंडदान और अन्न-दान किया। जानकारी के मुताबिक, हर की पौड़ी के पास स्थित कुशावर्त घाट का उल्लेख स्कंद पुराण और अन्य ग्रंथों में मिलता है। मान्यता है कि यहां पिंडदान, तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।