यूजेवीएनएल और सिंचाई विभाग के 30 इंजीनियरों की टीम के साथ सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन लगातार तीन दिनों से झील को सुरक्षित तरीके से पंक्चर करने की कोशिश कर रहे हैं। शनिवार सुबह झील का दायरा घटकर 1000 मीटर तक आ गया था, लेकिन शाम तक बारिश के कारण पानी का दबाव फिर बढ़ गया और झील अपनी पुरानी स्थिति में लौट आई। सचिव आपदा प्रबंधन कुमार सुमन ने बताया कि विशेषज्ञ लगातार काम कर रहे हैं। भागीरथी को चैनलाइज कर समानांतर जल निकासी बढ़ाई गई है ताकि खतरा कम किया जा सके। हालांकि, लगातार हो रही बारिश से राहत कार्यों में बड़ी बाधा आ रही है।