यूकेएसएसएससी के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल के मुताबिक परीक्षा की शुचिता, गोपनीयता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। आयोग का मानना है कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में अभ्यर्थियों और आमजन का पूर्ण विश्वास होना आवश्यक है। एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय उत्तराखंड के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी को सौंपी गई। इधर, अब जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर यूकेएसएसएससी ने समूह ग की उस परीक्षा को निरस्त कर दिया है। परीक्षा की नई तिथि तीन माह के भीतर तय होगी।