प्रशासन और मंदिर प्रबंधन के बीच हुई सहमति के मुताबिक, चढ़ावे से मिलने वाली धनराशि का उपयोग अब मंदिर की सुंदरता बढ़ाने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सामाजिक कार्यों में किया जाएगा। इसमें नवीनीकरण, सौंदर्यीकरण, पेयजल व्यवस्था, रौशनी और यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।