बीते शनिवार को सिलाई बैंड के समीप बादल फटने के कारण जगह-जगह मार्ग बंद होने के कारण स्यानाचट्टी से लेकर जानकीचट्टी तक करीब 850 से अधिक यात्री फंस गए थे। मंगलवार को पैदल आवाजाही शुरू होने के बाद प्रशासन और पुलिस की टीम ने वहां से यात्रियों को सुरक्षित निकालना शुरू कर दिया है।
मंगलवार शाम तक करीब 600 से 700 यात्रियों को सुरक्षित वाहनों से बड़कोट भेज दिया गया है। वहीं अब प्रशासन के अनुसार करीब 150 से 200 यात्रियों के सुरक्षित स्थानों पर होने की उम्मीद है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसांई ने बताया कि पैदल मार्ग खुलने के बाद यात्रियों को भूस्खलन वाले क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला जा रहा है।
वहां पर पुलिस के साथ होमगार्ड और पीआरडी के जवान इस कार्य में लगे हुए हैं। वहीं जो यात्री अभी जानकीचट्टी और स्यानाचट्टी के आसपास है। उनके रहने और खाने की सुविधा भी की गई है।
चारधाम यात्रा पर रोक हटी
प्रदेश सरकार ने भारी बारिश के रेड अलर्ट के चलते चारधाम यात्रा पर लगी रोक को सोमवार सुबह हटा दिया। मौसम की स्थिति के अनुसार जिलाधिकारियों को यात्रा पर निर्णय लेने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट के अनुसार चारधाम व हेमकुंड साहिब में 19 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। जबकि 2684 श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण कराया।
आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे ने बताया कि चारधाम यात्रा पर चौबीस घंटे का प्रतिबंध हटा लिया गया है। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के प्रति सरकार गंभीर है। चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले जिलों के डीएम को अपने-अपने क्षेत्र में मौसम की स्थिति के आधार पर वाहनों की आवाजाही रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
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