गैंगरेप के आरोपी बरी : कोर्ट ने पुलिस जांच को बताया दूषित, बाबा की सुनी बातों पर… | Patrika News


Court Order:गैंगरेप के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने पुलिस जांच को दूषित करार देते हुए आरोपियों को बरी करने के निर्देश दिए हैं। ये मामला उत्तराखंड के देहरादून का है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता आशुतोष गुलाटी के मुताबिक घटना मार्च 2019 की है। उन्होंने बताया कि सेलाकुई पुल के नीचे मानसिक रूप से कमजोर गर्भवती महिला को बरामद किया गया था। सामाजिक कार्यकर्ता पूजा बहुखंडी ने पीड़िता से 19 मार्च 2019 को सहसपुर थाने में सामुहिक दुराचार होने का केस दर्ज कराया था। पूजा ने पुलिस को बताया था कि पीड़िता का लंबे समय से शारीरिक शोषण हो रहा है। पीड़िता एक बाबा, मिस्री उर्फ सुरेश और शंकर के संपर्क में थी। तहरीर के आधार पर कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारियां की थीं। ये मामला देहरादून की पॉक्सो न्यायालय में चल रहा था। पॉक्सो कोर्ट की जज रजनी शुक्ला ने सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपियों को बरी किया। साथ ही कोर्ट ने पुलिस की जांच को दूषित करार दिया। इस मामले में विवेचक के रवैये को लापरवाह बताया। बता दें कि मामले में पुलिस ने जांच के दौरान 30 मार्च 2019 को मिस्त्री उर्फ सुरेश मेहतो और 5 मई 2019 को शंकर उर्फ साहिब की गिरफ्तारी हुई थी। सुरेश मेहतो गिरफ्तारी के बाद से फैसला दिए जाने तक जेल में रहा। वहीं, दूसरी ओर शंकर को 18 जुलाई 2023 में जमानत मिल गई थी।



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