बुधवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से एक चीज पूछना चाहता हूं कि उन्हें कांवड यात्रा के दौरान ही यह आदेश जारी करने का ख्याल क्यों आया। मैं जानना चाहता हूं- क्या आप स्वास्थ्य सुरक्षा के नाम पर यह नोटिस जारी कर रहे हैं? क्या चार धाम यात्रा में स्वास्थ्य सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है? क्या राज्य के अन्य हिस्सों में स्वास्थ्य सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है? क्या इन मार्गों पर फूड प्लाजा नहीं है? धामी सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ चर्चा में बने रहने के लिए वो यह आदेश निकालते हैं। देहरादून मिलावटी पनीर का अड्डा बन गया है। यहां पर दूध से बनने वाली सभी चीजों में मिलावट है। लेकिन, सरकार इसकी सुध नहीं लेती है। इन्हें सिर्फ कांवड़ियों को चिंता है।
रावत ने कहा कि पिछली बार यूपी सरकार ने भी आदेश जारी किया था। जिस पर न्यायिक फटकार लगाई गई थी। इस मुद्दे पर भाजपा का एजेंडा सिर्फ बांटने का है। उन्होंने आगे कहा कि देश में कौन सा धर्म है जो थूकने को सही मानता है, जो किसी के थूके हुए खाने को खाता है। इसके बारे में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बताएं। ऐसा करने वाले लोग मानसिक रूप से बीमार होते हैं। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भाजपा सरकार की ओर से ऐसे कदम उठाए जाते हैं, जिससे समाज को बांटा जाए।
पंचायत चुनाव पर भाजपा के दावों पर उन्होंने कहा कि रावण ने घमंड किया तो उसका घमंड टूट गया। भाजपा जो दावा कर रही है कि वहीं जीतेंगे। मैं बस यह कहना चाहता हूं कि घमंड टूटेगा। आपदा प्रबंधन पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन कुछ भी काम नहीं कर रही है। यह विभाग सिर्फ धन प्रबंधन करने का काम कर रही है।
कथावाचकों को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि समाज को बांटने वाले लोग अच्छे कथावाचक नहीं हो सकते हैं। मंत्री सतपाल महाराज की ओर से कांग्रेस को सनातन विरोधी कहे जाने पर हरीश रावत ने कहा कि जब वे कांग्रेस में थे तो कांग्रेस सनातन विरोधी नहीं थीं। भाजपा में गए तो कांग्रेस सनातन विरोधी हो गई। सच्चाई यह है कि उनकी कथा में भाजपा के लोग ही नहीं जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे की ओर से संघ को बैन करने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि जो सोच संघ की है वो संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस ने कभी बैन की राजनीति नहीं की है। लेकिन, वैचारिक तौर पर हम उनका मुकाबला करेंगे, उनके खिलाफ जनमत बनाएंगे।